#पेंग_भाजी
बस्तर की बहुत ही प्रसिद्ध जंगली लता.हर बस्तरवासी ने कम से कम इसका नाम तो सुना ही होगा.और भाजी भी जरूर खाई होगी?पेंग और बस्तर गोंचा(रथ यात्रा)का संबंध तो सर्वविदित है.इस दिन बाँस से बनी तुपकी के साथ पेंग के बीज का प्रयोग गोली के रूप में किया जाता है.आजकल जंगल में साल आदि के पेड़ों से लिपटी पेंग की लंबी-लंबी लताएँ,हरे-हरे पत्ते और हवाओं के साथ झूलते इसके फूल बड़े ही खूबसूरत दिखाई दे रहे हैं.
इसके फूलों व मुलायम पत्तियों को डंठलसहित तोड़ लिया जाता है.फिर धोकर सीधे सब्जी बनाई बनाई जाती है.बस्तरवासी प्राय: इससे "अम्मट'' बनाते हैं.जुलाई के महीने में फूल की जगह हरे-हरे पेंग के गुच्छे लटकने लगते हैं.कुआँर महीने के आस-पास ये पक जाते हैं.इसके बीजों से तेल निकाला जाता है,जिसका रंग लाल और स्वाद कड़वा है.इसके तेल का प्रयोग शरीर के अंगों की मालिश में किया जाता है.
यदि ये वनस्पति आपको मिले तो इसकी भाजी के स्वाद का मज़ा जरूर लीजिएगा.
अशोक कुमार नेताम
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