शनिवार, 10 मार्च 2018

||जाँव बेटा जाँव||

जाँव रे बेटा,
झटके जाँव.
अमरवाँ बे,
आमि कोंडागाँव.
बाट खुबे लाम आसे,
लाफी आसे सहर.
धीरे आव बेटा,
मचो पाट के धर.
कोंडागाँव ने भरलीसे,
मंडई बड़े भारी.
गुरजी के छुटी मांगलेन्से,
नी दय हुन तुके गारी.
घाम छेको छड़छड़ा,
कि बाटे रहो काटा.
थेबुन बसवाँ साँये जाले,
मिरेदे कसन आमके बाटा.
मूंड ने छाता नी हाय,
पाँये नी हाय चप्पल.
झोरा ने पेज धरलेन्से,
भूख लागलेक मके बल.
दूनो माय बेटा मंडई ने,
काय मंजा बुलवाँ.
होटल ने भजया खावाँ,
अकास झुलना झुलवाँ.
मोटोर घेनवाँ-फुगा घेनवाँ,
नोनी काजे घेनवाँ पुतरी.
बूबा काजे लोंहगी धरवाँ,
पनिया अनाली से सतरी.
बूबा मतवार मांतर तुय आपलो,
गुरजीमन चो गोठ के धरसे.
सब झन तुचो नाव धरोत,
असन काँई बड़े काम करसे.

अशोक कुमार नेताम

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