सोमवार, 9 जुलाई 2018

||हल्बी ठसा-2||

आजि चो बूता के आजि सार,नी कर काल-काल.
फेरे समया नी मिरेदे बाबू,अमरुन जायदे काल.

आगर रहो पैसा-कौड़ी,कितरोय रहो बल.
जीव दुखातो गोठ केबय,आउर के नी बल.

बेमार होलीसे जे बीती,खा हुन चोय गोली.
अस्तिर ने काम कर,छाँड बंदुक अउर गोली.

बिन नेवतलो नी जा कहाँय,गोट के मचो मान.
बिगर बलालो गेलो ने,नी करत कोनी  मान.

ऊपर बीता करेसे तुचो,जमाय करम चो जोड़.
अवधरम के छांड ना,धरम के मोडरा ने जोड़

साग कढ़ई ने जरुन जायदे,चाटु ने हुनके घाट.
बिन हात-पाँय चलालो कसन,नाहकसे नंदी घाट.

आपलो जमाय हरिक-उदीम,आउर संगे बाट.
धन कमाउन खूबे तुय,धरुन जासे ना कोन बाट.

✍अशोक नेताम

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