शनिवार, 11 अगस्त 2018

||जीवना दुय दिन चो हाट||

अवधरम के छाँड तुय,धर धरम चो बाट.
जीवना दुय दिन चो हाट,जीवना दुय दिन चो हाट.

गोदी खनला-बनी गेला,दुखा धराला हाथ-पाँय के.
सेवा करा हुनमन चो,नी भुलका आपलो बाप-माय के.

नी सरे काँई तुचो,खरचा नी होय पताय नोट.
जमाय आमि भाइ-भाइ,हाँसुन गोटयाव गोट.

मया चो सूत ने बाँध सबके,भरम चो डोरी के काट.
जीवना दुय दिन चो हाट,जीवना दुय दिन चो हाट.

आपुन के लाट साहब,नानी नि समज तुय आउर के.
पियेसे कोनी पेज-पसया,तुय बले खासित हुनि चाउर के.
बड़े नी होय कोनी मनुक,रुपया-पयसा गाड़ी ने.
सन्तोस रलो ने सुक मिरेसे,डारा पाना चो लाड़ी ने.

मिलुन रा सबाय संग,नानी बड़े चो खोदरा के पाट.
जीवना दुय दिन चो हाट,जीवना दुय दिन चो हाट.

सवकार हवो कितरोय कोनी,कोनी रहो बे कमया.
पराते जायसे थेबे नइ केबय,काचोय काजे समया.
माटी आय देंह आमचो,कोनी दिन बले माटी होयदे.
नी रहेदे ए काँई काम चो,भुँय खाले पाटी होयदे.

कितरोय लाम रहो बे राति,सरुन चे जायसे नाट.
जीवना दुय दिन चो हाट,जीवना दुय दिन चो हाट.

✍अशोक कुमार नेताम
   केरावाही(कोण्डागाँव)

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