शनिवार, 11 अगस्त 2018

||समया फेरे नी अये||

नहाकलो समया फेरे नी अये,
मान्तर हुनचो सुरता अएसे.

हुन चमास चो झड़ धरतो.
नंदी-ढोड़ी चो उसलुन जातो.
जमाय जुहुन पूरा के दखुक जातो.
पानी ने सड़क के बोहाउन नेतो.
गरी ने केंचुआ गुथुन मछरी फसातो.
आउर बेड़ा पार ने चोड़या रोपतो.

नहाकलो समया फेरे नी अये,
मान्तर हुनचो सुरता अएसे.

मरहान ने माचा बनाउन जोंधरा राका रतो.
लकड़ी चो नाँगर,माटी चो गाड़ी बनातो.
राति बेरा खीरा-मूँगफली चोरुक जातो.
झाड़ बेंदरा,पोटा लामा,नोन चोर खेलतो.
हासते-खेलते खमन ने बयला चरातो.
रुक ले कोसा कीड़ा जुहाउन घरे आनतो.

नहाकलो समया फेरे नी अये,
मान्तर हुनचो सुरता अएसे.

आया-बाबा संग गोंचा बाजार दखुक जातो.
अमुस ने डेंग-डेंग गोड़ोंदी बनातो.
नवाखानी चो हुन हुलकी मंदर नाचतो.
दसराहा ने कोंडागाँव चो रावन मारतो.
दियारी ने गाय-बयला के खिचड़ी खोवातो.
मंडई ने देव मन चो काय मंजा बिहरतो.

नहाकलो समया फेरे नी अये,
मान्तर हुनचो सुरता अएसे.

राति दाँय आया बाबा चो कहानी साँगतो.
ओंडकेरा चो नाव ने आमके डरातो.
गाड़ीमन के दखुन लुकुकलाय परातो.
हुन बिगर बिजली चो चिमनी बीती जीवना.
छानी उपर ले पानी चुहलेक गंजी के मंडातो.
हुन मसनी-चाप ओसाउन भुँए सवतो.

नहाकलो समया फेरे नी अये,
मान्तर हुनचो सुरता अएसे.

माहला ने लाई गुड़ चिवड़ा खातो.
बिहाव दाँय चो रेला गीत गावतो.
लगिन दाँय नकटा-नकटी बनतो.
गुर्रुम-गुर्रुम गरजुन मन्दर बाजतो.
छट्टी ने थारी पेटुन नाव साँगतो.
मरनी ने गागते-गागते माटी देतो.

नहाकलो समया फेरे नी अये,
मान्तर हुनचो सुरता अएसे.

समया चो कडरा सबके काटली.
हरीक उदीम चो तरइ आज आटली.
बदलली अदाँय जीवना चो ढंग.
बेटा माय-बाप के छांडुन रहेसे बायले संग.
जीवना आय दुय दिन चो सत गोट के धरा.
काचोय जीव दुखो असन काम केबय नी करा.

✍अशोक कुमार नेताम
   केरावाही(कोण्डागाँव)

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