रुकना नहीं.
सामने पर्वत हो.
झुकना नहीं.
बाहर नहीं.
सुख है अंतर में,
खोजो मिलेगा.
पुस्तक मित्र.
सब छूट जाएँगे.
ये होंगे साथ.
हँसो-हँसाओ.
हँसना औषधि है.
सबको बाँटो.
हाथ की रेखा.
नहीं बनाती भाग्य.
तू कर्म कर.
प्रेम है रब.
कर उसकी पूजा,
मिलेगा सब.
गर्व न कर.
अपने तन पर.
ये तो मिट्टी है.
अशोक नेताम "बस्तरिया"
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