बुधवार, 27 जून 2018

||धिर ने खिर||

सत चो बाट धरसे नइ,
जाले हासते तुचो उपरे कई झन.
ए बयहा होलोसे तुके बलदे कई झन.

गोरोस असस छकछका,
तुचो करम आसे.
तुचो संग में तुचो धरम आसे.

जाले नी थेब.
हासतो बीता के हासुक देस.
बलतो बीता के बलुक देस.

काय होयदे बलुन काकय नी डर.
ओगाय रहुन आपलो काम के कर.

मनुक जीवना मिरलिसे भगवान चो दया ने.
रिस के छांड बैरी संगे बले गोटयाव मया ने.

मिट गोट गोटयालो ने काँई हानी नी होय.
अउर चो पूरे लँवलो ने कोनी नानी नी होय.

बाटे रेंगते जा बाबू धिर ने,केबय तो खिर मिरेदे.
खोदरा खोनु बीता तुचो काज,एक दिन हुनि खोदरा ने गिरेदे.

अशोक नेताम "बस्तरिया"

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