आजकल जब में अपन फटफटी ल इस्टाट करेल धरथँव,त बाई कथे-कहाँ जात हस?बने देख के चलाबे.कहूँ मोटर गाड़ी म झन झपा जबे.अउ जब मे गाड़ी म बइठ के मेन रोड म निकलथँव त मोर जीव ह बड़ धुकुर-पुकुर करथे.
अउ डर लागथेच भई.
पेपर म रोज पड़थन कि रोड म दुरघटना ले काखरो हाथ- गोड़ टुट गे,काखरो आँखि फूट गे,काखरो ददा चले गे,अउ काखरो डैकी मर गे.
सड़क म निकले न ताहन देख,रँग-रँग के,राकछस असन गरजत-दँउड़त,बड़े बड़े-गाड़ीमन.आँखि ह रद्दा ले कहीं दूसर डहर जइस न,त तैं नइ बाँचस.बिलकुल चट्टनी हो जबे,गउ कि.
पेपर म रोज पड़थन कि रोड म दुरघटना ले काखरो हाथ- गोड़ टुट गे,काखरो आँखि फूट गे,काखरो ददा चले गे,अउ काखरो डैकी मर गे.
सड़क म निकले न ताहन देख,रँग-रँग के,राकछस असन गरजत-दँउड़त,बड़े बड़े-गाड़ीमन.आँखि ह रद्दा ले कहीं दूसर डहर जइस न,त तैं नइ बाँचस.बिलकुल चट्टनी हो जबे,गउ कि.
आजकल के गाड़ी चलइय्यामन घलो बड़ा डेड़होसियार जी.
एक दिन मे फटफटी म मोर बाई संग बजार जात रेहेंव.एक झन हिरो असन के टूरा चस्मा लगा के अपन गाड़ी ल हमर गाड़ी के पाछू-पाछू लानत,हारन मारत आत हे.
बाई कथे-"साइड दे-दे न जी.जल्दी जवइय्या हे लागत हे."
साइड देय बर जगा नइ राहय त में गाड़ी ल रोक देंव.
ओ टूरा गाड़ी ल राँय-राँय गरजात अउ,जे उड़ात लेगिस न कि हमर एक कनि दुरिहा जाके गाड़ीच संग,सड़क म भकरस ले उलंड गे.
मे बाई ल केहेंव-"तें सिरतौन केहे वो,कि ए ह जल्दी जवइय्या हे.लागत हे चल दीस."
बाई कथे-"साइड दे-दे न जी.जल्दी जवइय्या हे लागत हे."
साइड देय बर जगा नइ राहय त में गाड़ी ल रोक देंव.
ओ टूरा गाड़ी ल राँय-राँय गरजात अउ,जे उड़ात लेगिस न कि हमर एक कनि दुरिहा जाके गाड़ीच संग,सड़क म भकरस ले उलंड गे.
मे बाई ल केहेंव-"तें सिरतौन केहे वो,कि ए ह जल्दी जवइय्या हे.लागत हे चल दीस."
आजकल गाड़ी चलइय्यामन अइसे गाड़ी दउड़अथें,कि जइसे एक कनि लेट हो जाय ले ऊँखर दाई-बाप मर जहीं.
मे गाड़ी चलात खनि चलइय्या के थोथना ल देखथँव त बड़ मजा अथे.आँखि ल बटार के,छाती ल तान के,अउ बड़ा अकड़ के अइसे बइठे रथँस कि जइसे ए मन ह अमरीस पुरी के बाप हरँय.
अउ साले मन गाड़ी ल भँवरा सरिख भन्नावत उड़ाय रथें.
मे गाड़ी चलात खनि चलइय्या के थोथना ल देखथँव त बड़ मजा अथे.आँखि ल बटार के,छाती ल तान के,अउ बड़ा अकड़ के अइसे बइठे रथँस कि जइसे ए मन ह अमरीस पुरी के बाप हरँय.
अउ साले मन गाड़ी ल भँवरा सरिख भन्नावत उड़ाय रथें.
कतकौन झन रद्दा म एक्सीडेंट होके घायल होवत हें,होवन दे.मरत हें,मरन दें.फेर डर का बात के?
हम ल त कहीं नइ होय न?
ओखरे सेती मे कथँव कि बेफिक्कर होके बिन हेलमेट के,फोन म टुरी संग हाँसत-गोठियावत,दारु पी के ,फटफटी म 5-6 झन ल बइठा के,अउ गाड़ी म ओभरलोड करके गाड़ी ल कुदा न ?
जब एक्सीडेंट होही तब देखे जही.
का बात के डरना भई.
हम ल त कहीं नइ होय न?
ओखरे सेती मे कथँव कि बेफिक्कर होके बिन हेलमेट के,फोन म टुरी संग हाँसत-गोठियावत,दारु पी के ,फटफटी म 5-6 झन ल बइठा के,अउ गाड़ी म ओभरलोड करके गाड़ी ल कुदा न ?
जब एक्सीडेंट होही तब देखे जही.
का बात के डरना भई.
केहे घलो गेय हे कि जो डर गया वो मर गया.
तोला जिये के हे न,त झन डर भई.
डरना मना हे.
एक्सीडेंट होके एक दू-बार बाँचे के मउका भगवान नि दिही का?अउ मरिच जाबे ते फेर मानुस तन का नइ मिलय?
तोला जिये के हे न,त झन डर भई.
डरना मना हे.
एक्सीडेंट होके एक दू-बार बाँचे के मउका भगवान नि दिही का?अउ मरिच जाबे ते फेर मानुस तन का नइ मिलय?
अभी मोला बिदा देव न बाकी ल पाछू लिखहूँ.
मोला थोड़किन जल्दी जाना हे.
मोला थोड़किन जल्दी जाना हे.
आप मन ल घलो जल्दी जाना हे न?
✍अशोक नेताम"बस्तरिया
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