बुधवार, 17 मई 2017

||क्या हुआ?||

क्या हुआ?
क्यों है विवर्ण यह मुख?
भला किसके जीवन में,
नहीं आता है दुख.
पीड़ाओं को हँसकर सहना सीख ले,
तुझे कभी तो मिलेगा सच्चा सुख.

✍ अशोक नेताम "बस्तरिया"

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