रविवार, 28 मई 2017

||चल न दिया जलाबो वो गियान के ||

अँधियार दुर करबो  अगियान के.
चल न दिया जलाबो वो गियान के.

चंदा पड़ही,गीता पड़ही,अउ पड़ही खिलावन.
जम्मो के बिकास बर हम,मिलके आघु आवन.
जिनगी कुछु नइ हे बिन गियान के.
चल न दिया जलाबो वो गियान के.

भीक माँगे बर जाबो हमन,काबर ओती-एती.
नवा जतन ले करबो गा भइय्या,हमन अपन खेती.
खेती होही हरियर हमर धान के.
चल न दिया जलाबो वो गियान के.

चोरी नी करन,झूठ नइ कहन,नी करन कभु लड़ाई.
तहूँ-महूँ छत्तीसगढ़िया,सब झन भाई-भाई.
करबो रक्छा छत्तीसगढ़ के मान के.
चल न दिया जलाबो वो गियान के.

दाई-ददा,भइय्या-भउजी के गोठ ल हमन धरबो.
जउन हे सियान-गरीब मनखे,ऊँखर सेवा करबो.
मिल ही हमला किरपा जी भगवान के.
चल न दिया जलाबो वो गियान के.

दुर करबो अँधियारी अगियान के.
चल न दिया जलाबो वो गियान के.

✍अशोक नेताम"बस्तरिया"
📞9407914158

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