बुधवार, 19 जुलाई 2017

||तुचो बिगर मचो जीवना||

तुचो सुरता में डाहा होलें,
नी इली तुके खिंडिक बले दया.
खुबे भरोस करु रलें मान्तर,
नी मिरली मके तुचो मया.

तुचो सुरता ने जीव मचो,
सांजे-बिहाने गागेसे.
सांगुक नी सकें कि तुचो बिगर,
मके कसन लागेसे.

तुचो बिगर मचो जीवना
लागेसे असन...

जसन...
बिगर पानी चो मसरी.
बिगर डेरी चो लाड़ी.
बिगर इंजन चो गाड़ी.
बिगर जोन चो राती.
बिगर बाती चो चिमनी.
बिगर देव चो गुड़ी.

जसन...
बिगर जीव चो देंह.
बिगर फार चो नाँगर.
बिगर रुक चो खमन.
बिगर नोन चो साग.
बिगर सकर चो चाहा.
बिगर बड़गी चो काना.

जसन....
बिगर महूड़ चो दूलहा.
बिगर आगी चो चूलहा.
बिगर पटकी चो चिड़ई.
बिगर खपरा चो घर.
बिगर सिहई चो कलम.
बिगर सींग चो भैंसा.

हिन्दी अनुवाद

||तुम्हारे बगैर मेरा जीवन||

तुम्हारी याद ने मुझे बहुत दिया दर्द,
लेकिन नहीं आई तुम्हें मुझ पर दया.
बहुत उम्मीद थी मुझे तुमसे,
पर न मिल सका मुझे तुम्हारा प्यार.

तुम्हारी याद में मेरा हृदय,
दिन-रात रोता है.
मैं कह नहीं सकता कि तुम्हारे बगैर,
मेरा हाल कैसा है.

तुम्हारे बगैर मेरी जि़ंदगी एेसी.

जैसे....
बिना जल के मछली.
बिना स्तंभ की झोपड़ी.
बिना इंजन की गाड़ी.
बिना चंद्रमा की रात्रि.
बिना बाती की चिमनी.
बिना देवता के कोई मंदिर.

जैसे....
बिना प्राण के शरीर.
बिना फार का हल.
बिना वृक्ष के वन.
बिना नमक की साग.
बिना शक्कर की चाय.
बिना लाठी के अंधा.

जैसे...
बिना सेहरे का दूल्हा.
बिना आग का चूल्हा.
बिना पंख का पक्षी.
बिना खपरैल का घर.
बिना स्याही की कलम.
बिना सींग का भैंस.

✍अशोक नेताम"बस्तरिया"
     कोण्डागाँव(छत्तीसगढ़)

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