मंगलवार, 1 अगस्त 2017

||मेरे खुदा तुम एक हो||

पुकारते सब तुम्हें कई नामों से,
मेरे खुदा तुम बस एक हो.
नजर आते हो बस उसी को,
जिसके विचार और कर्म नेक हों.

अशोक नेताम"बस्तरिया

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