मंगलवार, 1 अगस्त 2017

||मत सोना,मिलेगा सोना||

कठिनाइयों में कभी,
धैर्य न खोना.
उपलब्धियों पर अपनी,
ज्यादा खुश मत होना.
असफलता मिले यदि,
बच्चों की तरह मत रोना.
क्योंकि होता है हमेशा वही,
जिसे होता है होना.
मन भूमि में तुम सदा,
सद्विचारों के बीज बोना.
कर्मरत रहना सदा,
भूलकर भी नहीं सोना.
फिर देखें कि भला कैसे तुम्हें,
नहीं मिलती है सफलता रूपी सोना.

✍अशोक नेताम"बस्तरिया"
     कोण्डागाँव(छत्तीसगढ़)

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