भक्तों ने किया अर्पित
तुम्हें श्रद्धा के फूल
पर तुमने सदा झोंका,
उनकी आंखों में धूल.
भाईचारे के समर्थक,
एम एस जी के हीरो.
मुख में राम बगल में छुरी,
कैरेक्टर तुम्हारा जीरो.
ऊच्चासन पर बैठ दिये प्रवचन,
खाई दूध-मलाई,हलवा.
साधू बने रहे,थे मन के शैतान तुम,
था झूठा तेरा जलवा.
आखिर चलता कब
पट के पीछे का खेल.
सच्चाई आगे सबके है,
अब तुम जाओ जेल.
राम या रहीम चाहे,
कुछ भी रख ले कोई नाम.
दुनिया से छुप न सकेंगे,
किसी के भी बुरे काम.
✍अशोक नेताम "बस्तरिया"
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