गुरुवार, 22 जून 2017

||बहुत सह लिया||

कहीं से उड़ती हुई पहुंची है,
मेरे कानों तक ये खबर.
कि तुमने डाली है,
मेरी बहन-बेटियों पर,अपनी बुरी नजर.

ये खबर ,
यदि बिल्कुल सत्य है.
तो समझ ले तू,
कि तेरा राम नाम सत्य है

अपने माँ-बाप की छाँव-
प्रकृति की गोद में थी पली.
आखिर क्यों मसल दी गई,
एक नन्हीं सी मासूम कली.

तेरी घिनौने हाथों ने उन्हें,
श्वान की भांति नोचा है.
होगा उससे भी भयंकर परिणाम,
कि जितना तुमने सोचा है.

बहुत सह लिया सदियों से,
अब अपमान  हम न सहेंगे.
उतर आएंगे जो हैवानियत पर,
अब उन के रक्त बहेंगे.

छुप जाएँ वो किसी भी कोने में,
अब न हो सकेगा उनका भला.
औरत पर हाथ डालने वालों की,
नहीं कटेंगी अब ऊंगलियाँ,
अब सीधा कटेगा उसका गला.

✍अशोक नेताम"बस्तरिया"
📞9407914158

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