मंगलवार, 27 जून 2017

||कामना पूरी करें जगन्नाथ||

सब चलें,
सत्य और धर्म के पाथ.
न रहे जग में,
कोई भी अनाथ.
मिले सबको अपने,
सब बनें सनाथ.
करें पूरी सबकी कामना,
जग के नाथ,जगन्नाथ.

✍अशोक नेताम"बस्तरिया"

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