तुमी रुपया-पयसा बीता,
अउर हमी दादा बस्तरिया,
काय जानुँ बे झिकुकलाय सेल्फी.
आमचो तो जीवना आय इतरो,
कि दिन भर कमउँसे अउर,
साँझ बेरा दूय छाक पियुँ देउँसे सल्फी.
✍अशोक नेताम"बस्तरिया"
📞9407914158
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