रविवार, 24 दिसंबर 2017

||हे प्रभु||

हे प्रभु भूल कर भी,
हम अंधकार में पग न धरें।
दीपक बनकर सदा,
औरों का पथ आलोकित करें।

✍ अशोक नेताम "बस्तरिया"

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