प्रश्न:-
सुबह हो शाम हो,
या हो चिलचिलाती दोपहर.
हरदम सड़कों से उठती धूल,
मानो घोलती है सांसों में जहर.
आखिर है वो,
कौन सा शहर?
उत्तर:-
देखकर जिसकी दयनीय दशा,
फिर न मन करे जहाँ,रखने को पाँव.
ये तो कोई भी बता देगा,
कि उसका नाम है कोण्डागाँव.
अशोक नेताम "बस्तरिया"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें