संग लेकर अपार हर्ष।
आ गया लो नूतन वर्ष।
स्वयं की शक्ति पहचान ले।
सत्य असत्य क्या जान ले।
सदैव सत्कर्म करेगा ठान ले।
होगा अवश्य तेरा उत्कर्ष।
संग लेकर अपार हर्ष।
आ गया लो नूतन वर्ष।
खुशी मिले तो जरूर मुस्कुराना।
दुख मिले तो नहीं घबराना।
उचित यही कि तुम चलते जाना।
जीवन तो है एक संघर्ष।
संग लेकर अपार हर्ष।
आ गया लो नूतन वर्ष।
आशीष दिया है तुझको सब ने।
पराये भी हो जाएंगे अपने।
पूरे होंगे तेरे हर सपने।
बन एक व्यक्ति आदर्श।
संग लेकर अपार हर्ष।
आ गया लो नूतन वर्ष।
रचनाकार:-अशोक "बस्तरिया"
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