भूल यदि हो गई है कोई तुम से।
तो उसे तुम भूल जाओ।
वह तो एक सामान्य बात थी।
तुम मनुष्य हो और
हर मनुष्य गलती करता है।
तुम्हें अपनी गलती पर पछतावा है न?
फिर क्यों खराब कर रहे हो तुम।
अपना वर्तमान और भविष्य।
पीछे मत देखो,
पीछे अंधेरा है।
आगे बढ़ो,
आगे सवेरा है।
सामने उम्मीदें हैं,
सपने हैं।
जिन्हें बदलना है,
तुम्हें हकीकत में।
आगे जीवन है,
पीछे मृत्यु है।
क्या तुम मौत को चुनोगे?
या संघर्ष करके,
इस संसार के सिरमौर बनोगे।
रचनाकार:-अशोक "बस्तरिया"
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