गुरुवार, 23 फ़रवरी 2017

।।जिंदगी एक जंग है।।

जिंदगी एक जंग है।
इसके अनेक रंग हैं।

कहीं खाई कहीं दलदल है।
कुछ सत्य है बहुत कुछ छल है।
राह इसकी  तंग है।

जिंदगी एक जंग है।
इसके अनेक रंग हैं।

मात्र कर्म पर तेरा अधिकार है।
देने न देने वाला तो करतार है।
दो दिन का यह संग है।

जिंदगी एक जंग है।
इसके अनेक रंग हैं।

पराया किसी को न मानो।
सबको अपना ही जानो।
जीने का यही सही ढंग है।

जिंदगी एक जंग है।
इसके अनेक रंग हैं।

रचनाकार:-अशोक "बस्तरिया"

*डायरी २००८*
*२४फरवरी*
✍kerawahiakn86@gmail

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