शनिवार, 4 मार्च 2017

||पिता के नाम पुत्री का मार्मिक व प्रेरक पत्र||

उम्मीद है कि आपने 25 फरवरी 2017 के दैनिक भास्कर के पृष्ठ 11पर सबसे नीचे दिए गए खबर को जरुर पढ़ा होगा जिसमें राजस्थान के हनुमानगढ़ की एक 12 साल की लड़की कशिश ने अपने पिता अशोक कुमार को तंबाकू छोड़ने के लिए खत लिखा.पिता ने 10 साल पुरानी अपनी बुरी आदत को छोड़ दिया.
इस छोटी सी बच्ची के इस बड़ी सोच को सलाम.
यदि आपने यह खबर नहीं पढ़ा है.
तो जरूर पढ़िए उसकी लिखी ये चिट्ठी

डिअर पापा,
आई लव यू

पापा आज मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूं.आप बहुत अच्छे हैं.दुनिया के सबसे अच्छे पापा.आपने मुझे हमेशा लाड प्यार दिया है.मेरी हर ख्वाहिश पूरी की है.आप के भरोसे पर ही मैं अपने दोस्तों के बीच बड़ी से बड़ी चुनौती स्वीकार कर लेती हूँ क्योंकि मुझे पता है कि आप उस चुनौती को पूरा करने में हर तरह से मेरी मदद करेंगे.इसी तरह चुनौतियों को पार करते हुए मैं आपके हर सपने को सच करने में जुटी हूं.लेकिन पता नहीं क्यों पापा मुझे डर लग रहा है. मुझे ऐसा लगता है कि जब मैं आपके सपने पूरे कर रही होंगी जब आप मेरे साथ नहीं होंगे.मुझे पता चला है कि जो लोग सिगरेट पीते हैं या तंबाकू बहुत जल्दी मर जाते हैं.इसलिए मुझे डर लग रहा है कि कहीं आपके साथ भी ऐसा ना हो जाए पिछले दिनों मैंने अखबार में पढ़ा था कि तंबाकू के इस्तेमाल से होने वाली बीमारियों के कारण भारत भर में हर साल दस लाख लोग मर जाते हैं पूरी दुनिया के लिहाज से यह आंकड़ा हर साल पचास लाख मौतों का है.दुनिया में होने वाली हर पांच मौतों में से एक मौत तंबाकू की वजह से होती है.
हर 8 सेकंड में होने वाली एक मौत तंबाकू और तंबाकू जनित उत्पादों के सेवन से होती है.कितना डरावना है यह सब.पापा,कहीं ऐसा ना हो जाए कि आने वाले किसी साल में उन लोगों में से एक नाम आपका हो तब मैं क्या करूंगी.पापा मेरे साथ कौन होगा जो मेरी मदद करेगा और अगर मैं कुछ बन भी गई तो आपको यह देखने के लिए दुनिया में नहीं होंगे.प्लीज पापा मेरे कहने से आप तंबाकू खाना छोड़ दीजिए मेरे साथ रहिए मेरा भरोसा बनकर मेरे सबसे बड़े मददगार बन कर मुझे यकीन है कि आप मेरी बात जरुर मानोगे.बस यही कहना था पापा कि मुझे आपसे बहुत प्यार है.और मुझे यह भी पता है कि आप भी मुझसे बहुत प्यार करते हो.मेरे कहने पर आप सिगरेट पीना छोड़ दो.
आप को मेरी कसम पापा.
आपको मेरी कसम.
    

                      *आपकी प्यारी बेटी*
                               *कशिश*
                           
         अशोक कुमार नेताम "बस्तरिया"
(दैनिक भास्कर 25 फरवरी 2017 की खबर पर आधारित)

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