उठ अभी,तू न बैठ,
इस तरह हार कर।
कामयाबी जरुर मिलेगी तुझे,
बस थोड़ा इंतजार कर।
एक तू ही किस्मत का मारा नहीं है।
कौन है जो कभी हारा नहीं है।
गिरता है गिर,पर संभल जा।
सुख और दुख के पार निकल जा।
अपने दिमाग,अपनी ताकत पर,
तू पूरा एतबार कर।
कामयाबी जरूर मिलेगी तुझे,
बस थोड़ा इंतजार कर।
असफलता नहीं मिली होगी तुम्हें अकारण।
तुम्हारी पराजय का कुछ तो होगा ही कारण।
दूर कर तू अपने अंदर की खामियों को।
भूल जा अपनी पिछली नाकामियों को।
अपने लक्ष्य को पाने को तू,
कोशिश नयी हर बार कर।
कामयाबी जरूर मिलेगी तुझे,
बस थोड़ा इंतजार कर।
मेहनत करना है तेरे स्वयं के हाथ।
मिला कदम तू वक्त के साथ।
जब करेगा तू औरों से इतर।
सबकी होगी फिर तुझ पर नजर।
कुछ नया करने को,
सब कुछ अपना निसार कर।
कामयाबी जरुर मिलेगी तुझे,
बस थोड़ा इंतजार कर।
उठ अभी,तू न बैठ,
इस तरह हार कर।
कामयाबी जरुर मिलेगी तुझे,
बस थोड़ा इंतजार कर।
रचनाकार:-अशोक"बस्तरिया"
✍kerawahiakn86@gmail.com
📞9407914158
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